Poem About Tree in Hindi –
धरती की बस यही पुकार,
पेड़ लगाओ बारम्बार।
आओ मिलकर कसम खाएं,
अपनी धरती हरित बनाए।
धरती पर हरियाली हो,
जीवन में खुशहाली हो।
पेड़ धरती की शान है,
जीवन की मुस्कान है।
पेड़ पौधों को पानी दे,
जीवन की यही निशानी दे।
आओ पेड़ लगाए हम,
पेड़ लगाकर जग महकाकर।
जीवन सुखी बनाए हम,
आओ पेड़ लगाएं हम।
-लक्ष्मी
संत जनों का है ये कहना,
धरती मां का वृक्ष है गहना।
वृक्ष लगाओ हरियाली लाओ,
इस धरती को स्वर्ग बना हो।
पेड़ न काटो रखो ध्यान,
धरती का है यही प्रधान।
इससे है वसुधा की शान,
इससे ही है जिवो में जान।
वृक्ष लगाओ,
धरती को स्वर्ग बनाओ।
– नेहा कुमारी, पिंकी कुमारी
पेड़ पौधे हमारे है,
यह सब सबके प्यारे है।
सर्दी गर्मी सहते है,
नहीं कभी कुछ कहते है।
फल-मेवे बरसाते है,
हम सब मिलकर खाते है।
आओ इनसे प्यार करें,
हम सब मिलकर हरा-भरा संसार करें।
– गोरी
पेड़ लगाओ, पेड़ लगाओ,
सारे मिलकर पेड़ लगाओ।
पेड़ों से हमें मिले ऑक्सीजन,
जिससे जिंदा रहते है हम।
पेड़ों से हमें मिलती छाया,
जिससे ठंडी हवा मिलती हमको।
पेड़ों से हमें मिलते कपड़े,
जिससे तन को हम ढकते।
पेड़ों से हमें मिलती औषधियां,
जिससे बीमारियों से हम छुटकारा पाते।
पेड़ों से हमें मिलती पुस्तक,
जिसको पढ़ हम ज्ञान बढ़ाते।
पेड़ों से हमें मिलती वर्षा,
जिससे अमृत सामान जल हम पाते।
अब हर दिल की यही पुकार है,
पेड़ लगाओ, पेड़ लगाओ।
– वैशाली गुप्ता
हर घर हर गली में पेड़ लगाएंगे,
सब जगह पेड़ लगाएंगे।
धरती को पेड़ों से सजाएंगे,
जीवन सबका बचाएंगे।।
बिन पेड़ों के अमृत सा,
जल, भोजन, वस्त्र
और शुद्ध वायु कहां से लाएंगे।
हम पेड़ लगाएंगे,
प्रकृति को बचाएंगे।
स्वच्छ वातावरण बनाएंगे,
नया भविष्य हम बनाएंगे।।
हम पेड़ लगाएंगे,
भूमि को उपजाऊ बनाए बनाएंगे।
भूजल स्तर बढ़ाएंगे,
हम सब मिलकर पेड़ लगाएंगे।।
– नरेंद्र वर्मा
तपती धुप से हमें बचाता
पत्थर खाकर फल बरसाता
कट जाता खुद जान देकर
हमारे घर की शोभा बन जाता
सारा ज़हर खुद रख सीने में अपने
हमे शुद्ध हवा दे जाता
आते जाते देख हमे
खुद खड़ा रह जाता
राह हमारी सुन्दर करता
खुशबु से दुनिया महकाता
चाहे वृक्ष कहे या पेड़ कहे
माता-पिता जैसा उससे नाता
आओ मिलकर शपथ उठाएं
वन बचाए पेड़ बचाए
कर आज थोड़ी मेहनत हम
कम से कम पांच पेड़ लगाएँ
धरती के श्रृंगार हैं पेड़,
जीवन के आधार हैं पेड़ |
पेड़ हमे छाया देते हैं
स्वय शीत गर्मी सहते हैं
बिना मुकुट के राजा हैं ये
कितने मनमोहक लगते हैं |
जंगल के परिवार पेड़ हैं,
पंछी के घर बार पेड़ हैं |
जहाँ पेड़ हैं, शीतलता हैं
शीतलता से मेघ बरसते,
सूखी धरती हरियाती हैं
ताल-तलैया सारे भरते |
धरती के उपहार पेड़ हैं,
खुशहाली के द्वार पेड़ हैं |
स्वस्थ बनाते,श्रम हर लेते
हमे फूल, फल मेवे देते,
करते हैं सम्पन्न सभी को
पर न किसी से कुछ भी लेते |
करते नित उपकार पेड़ हैं,
सेवा के अवतार पेड़ हैं |
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