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07 short moral stories for kids in Hindi 2021
Moral Stories in Hindi – इस लेख में हम आपको Moral Stories in Hindi के बारे में बताने वाले है। इन कहानियों को आपने बचपन में अपने दादा दादी से सुना होगा। इनमे कुछ New moral stories in Hindi 2021 दी गयी है। जिससे आपको नयापन का अनुभव हो। यदि आप पुरानी कहानियाँ पढ़ कर बोर हो गए है तो। यहाँ पर हम आपको सबसे अच्छी 07 Moral stories in Hindi for kids दे रहे है।
यह कहानियाँ बहुत ही ज्ञानवर्धक और शिक्षावर्धक है। इन नैतिक कहानियों से आप बहुत सारी अच्छी बात सीखेंगे। जिनको आप अपनी जीवन में प्रयोग करके सफलता पा सकते है। यह कहानियाँ बहुत ही रोचक है। जिनको पढ़कर आपको बहुत आनंद आएगा।
1. खुनी झील
Moral Stories in Hindi – एक बार की बात है एक जंगल में एक झील थी। जो खुनी झील के नाम से प्रसिद्ध थी। शाम के बाद कोई भी उस झील में पानी पिने के लिए जाता तो वापस नहीं आता था। एक दिन चुन्नू हिरण उस जंगल में रहने के लिए आया।
एक बार की बात है एक जंगल में एक झील थी। जो खुनी झील के नाम से प्रसिद्ध थी। शाम के बाद कोई भी उस झील में पानी पिने के लिए जाता तो वापस नहीं आता था। एक दिन चुन्नू हिरण उस जंगल में रहने के लिए आया।
उसकी मुलाकात जंगल में जग्गू बन्दर से हुई। जग्गू बन्दर ने चुन्नू हिरण को जंगल के बारे में सब बताया लेकिन उस झील के बारे में बताना भूल गया। जग्गू बन्दर ने दूसरे दिन चुन्नू हिरण को जंगल के सभी जानवरों से मिलाया।
जंगल में चुन्नू हिरण का सबसे अच्छा दोस्त एक चीकू खरगोश बन गया। चुन्नू हिरण को जब ही प्यास लगती थी तो वह उस झील में पानी पिने जाता था। वह शाम को भी उसमें पानी पिने जाता था।
एक शाम को वह उस झील में पानी पिने गया तो उसने उसमें बड़ी तेज़ी से अपनी और आता हुआ मगरमच्छ देख लिया। जिसे देखकर वह बड़ी तेज़ी से जंगल की तरफ भागने लगा। रास्ते में उसको जग्गू बन्दर मिल गया।
जग्गू ने चुन्नू हिरण से इतनी तेज़ भागने का कारण पूछा। चुन्नू हिरण ने उसको सारी बात बताई। जग्गू बन्दर ने कहा की मै तुमको बताना भूल गया था की वह एक खुनी झील है। जिसमे जो भी शाम के बाद जाता है वह वापिस नहीं आता।
लेकिन उस झील में मगरमच्छ क्या कर रहा है। उसे तो हमनें कभी नहीं देखा। इसका मतलब वह मगरमच्छ ही सभी जानवरों को खाता है जो भी शाम के बाद उस झील में पानी पिने जाता है।
अगले दिन जग्गू बन्दर जंगल के सभी जानवरों को ले जाकर झील में गया। मगरमच्छ सभी जानवरों को आता देखकर छुप गया। लेकिन मगरमच्छ की पीठ अभी भी पानी से ऊपर दिखाई दे रही थी।
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सभी जानवरों ने कहा की यह पानी के बाहर जो चीज़ दिखाई दे रही है वह मगरमच्छ है। यह सुनकर मगरमच्छ कुछ नहीं बोला। चीकू खरगोश ने दिमाग लगाया और बोला नहीं यह तो पत्थर है। लेकिन हम तभी मानेंगे जब यह खुद बताएंगा।
यह सुनकर मगरमच्छ बोला की मै एक पत्थर हूँ। इससे सभी जानवरों को पता लग गया की यह एक मगरमच्छ है। चीकू खरगोश ने मगरमच्छ को कहा की तुम इतना भी नहीं जानते की पत्थर बोला नहीं करते। इसके बाद सभी जानवरों ने मिलकर उस मगरमच्छ को उस झील से भगा दिया और खुशी खुशी रहने लगे।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की यदि हम किसी भी मुसीबत का सामना बिना घबराये मिलकर करते है तो उससे छुटकारा पा सकते है।
2. डरपोक पत्थर
Moral Stories in Hindi – बहुत पहले की बात है एक शिल्पकार मूर्ति बनाने के लिए जंगल में पत्थर ढूंढने गया। वहाँ उसको एक बहुत ही अच्छा पत्थर मिल गया। जिसको देखकर वह बहुत खुश हुआ और कहा यह मूर्ति बनाने के लिए बहुत ही सही है।
जब वह आ रहा था तो उसको एक और पत्थर मिला उसने उस पत्थर को भी अपने साथ ले लिया। घर जाकर उसने पत्थर को उठा कर अपने औजारों से उस पर कारीगरी करनी शुरू कर दिया।
औजारों की चोट जब पत्थर पर हुई तो वह पत्थर बोलने लगा की मुझको छोड़ दो इससे मुझे बहुत दर्द हो रहा है। अगर तुम मुझ पर चोट करोगे तो मै बिखर कर अलग हो जाऊंगा। तुम किसी और पत्थर पर मूर्ति बना लो।
पत्थर की बात सुनकर शिल्पकार को दया आ गयी। उसने पत्थर को छोड़ दिया और दूसरे पत्थर को लेकर मूर्ति बनाने लगा। वह पत्थर कुछ नहीं बोला। कुछ समय में शिल्पकार ने उस पत्थर से बहुत अच्छी भगवान की मूर्ति बना दी।
गांव के लोग मूर्ति बनने के बाद उसको लेने आये। उनने सोचा की हमें नारियल फोड़ने के लिए एक और पत्थर की जरुरत होगी। उन्होंने वहाँ रखे पहले पत्थर को भी अपने साथ ले लिया। मूर्ति को ले जाकर उन्होंने मंदिर में सजा दिया और उसके सामने उसी पत्थर को रख दिया।
अब जब भी कोई व्यक्ति मंदिर में दर्शन करने आता तो मूर्ति को फूलों से पूजा करता, दूध से स्नान कराता और उस पत्थर पर नारियल फोड़ता था। जब लोग उस पत्थर पर नारियल फोड़ते तो बहुत परेशान होता।
उसको दर्द होता और वह चिल्लाता लेकिन कोई उसकी सुनने वाला नहीं था । उस पत्थर ने मूर्ति बने पत्थर से बात करी और कहा की तुम तो बड़े मजे से हो लोग तो तुम्हारी पूजा करते है। तुमको दूध से स्नान कराते है और लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाते है।
लेकिन मेरी तो किस्मत ही ख़राब है मुझ पर लोग नारियल फोड़ कर जाते है। इस पर मूर्ति बने पत्थर ने कहा की जब शिल्पकार तुम पर कारीगरी कर रहा था यदि तुम उस समय उसको नहीं रोकते तो आज मेरी जगह तुम होते।
लेकिन तुमने आसान रास्ता चुना इसलिए अभी तुम दुःख उठा रहे हो। उस पत्थर को मूर्ति बने पत्थर की बात समझ आ गयी थी। उसने कहा की अब से मै भी कोई शिकायत नहीं करूँगा। इसके बाद लोग आकर उस पर नारियल फोड़ते।
नारियल टूटने से उस पर भी नारियल का पानी गिरता और अब लोग मूर्ति को प्रसाद का भोग लगाकर उस पत्थर पर रखने लगे।
सीख: हमें कभी भी कठिन परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए।
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3. खजाने की खोज
Moral Stories in Hindi – एक गांव में एक रामलाल नाम का एक किसान अपनी पत्नी और चार लड़को के साथ रहता था। रामलाल खेतों में मेहनत करके अपने परिवार का पेट पालता था। लेकिन उसके चारो लड़के आलसी थे।
जो गांव में वैसे ही इधर उधर घूमते रहते थे। एक दिन रामलाल ने अपनी पत्नी से कहा की अभी तो मै खेतों में काम कर रहा हूँ। लेकिन मेरे बाद इन लड़को का क्या होगा। इन्होने तो कभी मेहनत भी नहीं करी। ये तो कभी खेत में भी नहीं गए।
रामलाल की पत्नी ने कहा की धीरे धीरे ये भी काम करने लगेंगे। समय बीतता गया और रामलाल के लड़के कोई काम नहीं करते थे। एक बार रामलाल बहुत बीमार पड़ गया। वह काफी दिनों तक बीमार ही रहा।
उसने अपनी पत्नी को कहा की वह चारों लड़को को बुला कर लाये। उसकी पत्नी चारों लड़को को बुलाकर लायी। रामलाल ने कहा लगता है की अब मै ज्यादा दिनों तक जिन्दा नहीं रहूँगा। रामलाल को चिंता थी की उसके जाने के बाद उसके बेटों का क्या होगा।
इसलिए उसने कहा बेटों मैने अपने जीवन में जो भी कुछ कमाया है वह खजाना अपने खेतों के निचे दबा रखा है। मेरे बाद तुम उसमे से खजाना निकालकर आपस में बाँट लेना। यह बात सुनकर चारों लड़के खुश हो गए।
कुछ समय बाद रामलाल की मृत्यु हो गयी। रामलाल की मृत्यु के कुछ दिनों बाद उसके लड़के खेत में दबा खजाना निकालने गए। उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक सारा खेत खोद दिया। लेकिन उनको कोई भी खजाना नज़र नहीं आया।
लड़के घर आकर अपनी माँ से बोले माँ पिताजी ने हमसे झूठ बोला था। उस खेत में हमें कोई खजाना नहीं मिला। उसकी माँ ने बताया की तुम्हारे पिताजी ने जीवन में यही घर और खेत ही कमाया है। लेकिन अब तुमने खेत खोद ही दिया है तो उसमे बीज बो दो।
इसके बाद लड़को ने बीज बोये और माँ के कहेनुसार उसमे पानी देते गए। कुछ समय बाद फसल पक कर तैयार हो गयी। जिसको बेचकर लड़कों को अच्छा मुनाफा हुआ। जिसे लेकर वह अपनी माँ के पास पहुंचे। माँ ने कहा की तुम्हारी मेहनत ही असली खजाना है यही तुम्हारे पिताजी तुमको समझाना चाहते थे।
सीख: हमें आलस्य को त्यागकर मेहनत करना चाहिए। मेहनत ही इंसान की असली दौलत है।
4. मेहनत का फल
Moral Stories in Hindi – एक गांव में दो मित्र नकुल और सोहन रहते थे। नकुल बहुत धार्मिक था और भगवान को बहुत मानता था। जबकि सोहन बहुत मेहनती थी। एक बार दोनों ने मिलकर एक बीघा जमीन खरीदी। जिससे वह बहुत फ़सल ऊगा कर अपना घर बनाना चाहते थे।
सोहन तो खेत में बहुत मेहनत करता लेकिन नकुल कुछ काम नहीं करता बल्कि मंदिर में जाकर भगवान से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करता। इसी तरह समय बीतता गया। कुछ समय बाद खेत की फसल पक कर तैयार हो गयी।
जिसको दोनों ने बाजार ले जाकर बेच दिया और उनको अच्छा पैसा मिला। घर आकर सोहन ने नकुल को कहा की इस धन का ज्यादा हिस्सा मुझे मिलेगा क्योंकि मैंने खेत में ज्यादा मेहनत की है।
यह बात सुनकर नकुल बोला नहीं धन का तुमसे ज्यादा हिस्सा मुझे मिलना चाहिए क्योकि मैंने भगवान से इसकी प्रार्थना की तभी हमको अच्छी फ़सल हुई। भगवान के बिना कुछ संभव नहीं है। धन के बॅटवारे को लेकर दोनों गांव के मुखिया के पास पहुंचे।
मुखिया ने दोनों की सारी बात सुनकर उन दोनों को एक – एक बोरा चावल का दिया जिसमें कंकड़ मिले हुए थे। मुखिया ने कहा की कल सुबह तुम दोनों को इसमें से चावल और कंकड़ अलग करके लाने है तब में निर्णय करूँगा की इस धन का ज्यादा हिस्सा किसको मिलना चाहिए।
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दोनों चावल की बोरी लेकर अपने घर चले गए। सोहन ने रात भर जागकर चावल और कंकड़ को अलग किया। नकुल चावल की बोरी को लेकर मंदिर में गया और भगवान से इसके लिए प्रार्थना की।
अगले दिन सुबह सोहन जितने चावल और कंकड़ अलग कर सका उसको ले जाकर मुखिया के पास गया। जिसे देखकर मुखिया खुश हुए। नकुल वैसी की वैसी बोरी को ले जाकर मुखिया के पास गया।
मुखिया ने नकुल को कहा की दिखाओ तुमने कितने चावल साफ़ किये है। नकुल ने कहा की मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है चावल साफ़ हो गए होंगे। जब बोरी को खोला गया तो चावल और कंकड़ वैसे के वैसे ही थे।
जमींदार ने नकुल को कहा की भगवान भी तभी सहायता करते है जब तुम मेहनत करते हो। इसके बाद नकुल भी सोहन की तरह खेत में मेहनत करने लगा और अबकी बार उनकी फ़सल पहले से भी अच्छी हुई।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी भी भगवान के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। हमें सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी चाहिए।
5. सच्चे साथी
Moral Stories in Hindi – एक बार की बात है राधा नाम की एक लड़की अपने पिता के साथ रहती थी। उसकी माँ बचपन में ही गुजर गयी थी। वह अपने घर का काम करती फिर कॉलेज जाती थी। कॉलेज जाते समय वह रोज़ रास्ते में एक जगह पक्षियों को दाना डालती थी।
उसके घर में भी 2 पक्षी थे उनको भी वह रोज़ दाना डालती थी। एक दिन उसको पक्षियों को दाना डालते जमींदार के बेटे ने देख लिया। उसने अपने पिता से जाकर राधा से शादी करने की इच्छा जताई।
जमींदार ने राधा के पिता से बात करके अपने बेटे की शादी राधा से करा दी। राधा अपने साथ घर के पिंजरे के 2 पक्षी भी लेकर ससुराल आ गयी। वह उन पक्षियों को रोज़ दाना डालती थी। राधा की सास को यह बिलकुल भी पसंद नहीं था।
वह उन पक्षियों को परेशान करती थी। वह उनका दाना पानी जमीन में फेंक देती थी। एक दिन राधा की सास ने पक्षियों का पिंजरा ही जमीन पर फेंक दिया। उसे यह करते हुए राधा ने देख लिया।
राधा ने मना किया तो उसकी सास ने राधा को ही डॉट दिया। इन सब बातों से राधा परेशान रहने लगी। एक दिन राधा के पति ने परेशानी का कारण पूछा तो उसने सारी बात बता दी। अपने पति के कहने पर राधा ने उन दोनों पक्षियों को बाकि के पक्षियों के साथ पार्क में ही छोड़ दिया।
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वह उनको कभी कभी दाना देने जाती थी। अब पक्षी राधा के अच्छे मित्र बन गए थे। पक्षी अब राधा के घर पर भी आने लगे। राधा की सास को जब यह पता लगा तो वह गुस्सा हुई। वह राधा को उसके घर छोड़ने उसके साथ गयी।
रास्ते में कुछ चोर ने राधा की सास के गहने चुराने की कोशिश की। तभी राधा के पक्षियों ने आकर चोरों पर हमला किया। जिससे चोर भाग गए। इसके बाद राधा और उसकी सास घर ही लौट आये।
अब राधा की सास की सोच पक्षियों के प्रति बदल चुकी थी। उसने राधा से कहा की अब हम दोनों चिड़ियाँ को दाना देने चला करेंगे और पहले के दो पक्षियों को घर वापिस लेकर आएंगे। यह बात सुनकर राधा बहुत खुश हुई।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें जानवरों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
6. घर आये मेहमान
Moral Stories in Hindi – राहुल अपनी पत्नी सीमा और अपनी माँ के साथ रहता था। गर्मियों की छुट्टी में राहुल की बुआ, फूफा अपने लड़के सोनू के साथ उनके घर रहने आये। घर आते ही फूफा जी राहुल से बोले की यहाँ तो बहुत गर्मी है।
घर में कोई AC नहीं है क्या? राहुल की माँ ने बोला भाईसाहब अभी कुछ दिन पहले ही राहुल ने अपने कमरे में AC लगवाया है। यह सुनते ही फूफा जी अपने बेटे से बोले की सारा सामान राहुल के कमरे में ले गए। राहुल और उसकी पत्नी सीमा चुप रहे क्योंकि उनने सोचा की कुछ दिनों की तो बात है।
इस तरह बुआ, फूफा जी को राहुल के घर रहते 1 महीना हो गया। राहुल ने अपनी माँ से पूछा की बुआ जी कब जाने वाली है। हम कब तक ऐसे ही हॉल में सोकर अपना गुजारा करेंगे। राहुल की माँ बोली बेटा रिश्तेदारी का मामला है। हम कुछ कह भी तो नहीं सकते। राहुल की पत्नी सीमा बोली वह सब तो ठीक है लेकिन उनका छोटा लड़का सोनू सारा दिन घर में उधम करता रहता है।
कल तो उसने हमारा नया सोफा बुरी तरह फाड़ डाला। राहुल इस बात पर बहुत गुस्सा हुआ की नया सोफ़ा फाड़ दिया। वह अपनी पत्नी से बोला तुम सोनू को ऐसा करने से रोकती क्यों नहीं। सीमा बोली जब से बुआ, फूफा जी आये है। कुछ कुछ खाने की डिमांड करते है। जिससे मेरा और माँ जी का सारा दिन तो रसोई में ही बीत जाता है।
राहुल ने कहा की मै अभी जाकर फूफा जी से पूछता हूँ की वह आखिर कब जायेंगे। राहुल ने बातों बातों में फूफा जी से कहा की 1 महीना हो गया है। आपके जॉब की छुट्टियाँ तो खत्म हो गयी होंगी न।
फूफा जी बोले राहुल मैंने जॉब तो कब की छोड़ दी। अब तो मै बिज़नेस करता हूँ और अब मै इस शहर में भी कुछ बिज़नेस खोलने की सोच रहा हूँ। पहले इस शहर को अच्छे से समझ लूँ जिसमे 2-3 महीने तो लग ही जायेंगे।
यह सुनकर राहुल समझ गया की फूफा जी अभी जाने वाले नहीं है । उसने यह बात अपनी पत्नी और माँ को बताई। सीमा बोली जब घी सीधी ऊँगली से नहीं निकलता तो ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ती है।
इनके साथ भी कुछ ऐसा ही करना होगा। आप यह काम अब मुझ पर छोड़ दीजिये। उसी रात बुआ और फूफा जी छत पर थे। तभी उनका लड़का सोनू चिल्लाता हुआ उनके पास गया और बोला की मैंने अभी एक चुड़ैल को देखा है।
तभी एक चुड़ैल वहाँ आ गयी और बुआ और फूफा जी को बोली की तुम में से कौन पहले मेरा भोजन बनना चाहेगा। चुड़ैल को देखकर वह बहुत डर गए और उस घर से भाग गए। उनके जाने के बाद सीमा ने अपना चुड़ैल का मुखौटा उतारा।
बुआ के परिवार के जाने के बाद सबने चैन की सास ली। सीमा की सास ने सीमा से कहा की तू तो बड़ी अच्छी चुड़ैल बनती है। यह कहकर सब हॅसने लगे।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें किसी भी रिश्ते का ग़लत फायदा नहीं उठाना चाहिए। जिस तरह बुआ के परिवार ने अपनी रिश्तेदारी का ग़लत फायदा उठाया और दूसरों को परेशान किया।
7. सोने का अंडा
Moral Stories in Hindi – बहुत पहले की बात है एक गांव में अली नाम का एक व्यक्ति रहता था। उसके माँ बाप बचपन में ही गुजर चुके थे। वह खेतों में काम करके अपना गुजारा बड़ी मुश्किल से करता था। उसके पास एक मुर्गी थी। जो उसको रोज़ एक अंडा देती थी।
जब उसके पास कभी खाने के लिए कुछ नहीं होता तो वह रात को अपनी मुर्गी का अंडा खा कर ही सो जाता था। उसके पड़ोस में एक बासा नाम का एक व्यक्ति रहता था। जो की सही व्यक्ति नहीं था।
जब उसने देखा की अली अपना गुजारा सही से कर रहा है तो उसने एक दिन अली की मुर्गी चुरा ली। जब अली घर पर नहीं था। इसके बाद बासा मुर्गी को मार कर पका कर खा गया। जब अली घर आया और उसने घर पर मुर्गी को नहीं देखा तो इधर उधर अपनी मुर्गी को ढूंढने लगा।
उसने मुर्गी के कुछ पंख बासा के घर के बाहर देखे। उसने बासा से बात की तो बासा ने कहा की उसकी बिल्ली एक मुर्गी को पकड़ कर लायी थी। मैंने उसको पका कर खा लिया। मुझे क्या पता था वह तुम्हारी मुर्गी है।
अली ने बासा से कहा की वह इसकी शिकायत न्यायाधिकारी से करेगा। यह बात सुनकर बासा ने मुर्गी की जगह अली को एक छोटा बत्तख दिया। अली ने उस बत्तख को पाला जिससे कुछ दिनों बाद वह बत्तख बड़ा हो गया और अंडा देने लगा।
एक रात को जब बहुत बारिश आ रही थी। एक साधू भीगता हुआ रहने की जगह मांगने के लिए बासा के घर पहुंचा। लेकिन बासा ने उसको मना कर दिया। इसके बाद वह अली के घर गया। अली ने उसको रहने के लिए जगह दी और खाना भी खिलाया।
अगली सुबह वह अली के घर से जाने लगा लेकिन जाते हुए उसने अली के बत्तख के सिर पर हाथ फेरा। इसके बाद जब बत्तख ने अंडा दिया तो वह सोने का था। अली यह देखकर बहुत खुश हुआ।
अब बतख़ जब भी अंडा देता तो वह सोने का होता था। सोने के अंडे को बेचकर अली की सारी गरीबी दूर हो गयी। लेकिन फिर भी वह साधारण जिंदगी ही जीता था। एक दिन बासा ने बत्तख को सोने का अंडा देते हुए देख लिया और वह न्यायाधिकारी के पास गया।
वह न्यायाधिकारी से बोला की अली ने कल मेरा बतख चुरा लिया है। जब न्याय अधिकारी ने अली से पूछा तो उसने सारी बात बताई की किस तरह बासा ने ही उसको बत्तख दिया था। न्यायाधिकारी ने कहा की मै कल इसका फैसला करूँगा की बत्तख किसको मिलेगा।
बत्तख ने रोज़ की तरह न्यायाधिकारी के पास भी सोने का अंडा दिया। अगले दिन न्यायाधिकारी ने दोनों को सामान्य अंडा दिखाया और कहा की यह कल तुम्हारे बत्तख ने दिया है। अलग पूछने पर अली ने न्यायाधिकारी को सच बताया की उसकी बतख सोने का अंडा देती थी।
जबकि बासा ने कहा की उसकी बत्तख सामान्य अंडा देती है। न्यायाधिकारी ने एक नया बतख लेकर बासा को दे दिया। और अली को सोने का अंडा देने वाली बतख दी। अली दोबारा सोने का अंडा देने वाली बत्तख पा कर खुश हुआ।
सीख: हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए और दूसरों को देखकर ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।
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very nice moral story